प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(PMKVY) में युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है. फीस का भुगतान सरकार ही करती है. प्रशिक्षण पूरा करने पर युवाओं को सरकार करीब 8000 रुपये तक की पुरस्कार राशि भी देती है.
देश के युवाओं के सामने रोजगार बड़ी समस्या है. शिक्षा के बावजूद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती तो वे तनाव में रहने लगते हैं. कई सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है कि पढ़ाई पूरी करने के बावजूद उनका स्किल डेवलपमेंट यानी कौशल विकास नहीं हो पाता. यही दिक्कत आती है खुद का रोजगार यानी कोई काम धंधा शुरू करने में भी.
स्किल न हों तो स्वरोजगार करना भी मुश्किल होता है. बड़ी-बड़ी कंपनियां इसी वजह से प्लेसमेंट कैंप के बावजूद उन्हें काम पर नहीं रखतीं. दरअसल कंपनियां चाहती हैं कि ऐसी कर्मियों की बहाली करें, जिनमें जरूरी स्किल हों. इन्हीं समस्याओं का नि:शुल्क समाधान है- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(PMKVY).
पीएम मोदी की ड्रीम योजना का तीसरा चरण आज से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया (Skill India) के नारे के साथ इस योजना (PM Kaushal Vikas Yojana) की शुरुआत की थी. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की ओर से चलाई जाने वाली यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजनाओं में से एक है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) का तीसरा चरण आज यानी 15 जनवरी से लॉन्च हो रहा है. देश के कुल 600 जिलों में यह योजना लॉन्च की जाएगी. इस चरण में कोरोना से संबंधित कौशल योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा.
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
इस योजना का उद्देश्य देश के युवाओं को इंडस्ट्री से जुड़ी ट्रेनिंग देना है, जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके. बाजार में किस सेक्टर में कैसे स्किल की जरूरत है, उसके मुताबिक इसके कार्यक्रम तैयार किए गए हैं. सरकार इस योजना के जरिये कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं ड्राप आउट यानी पढ़ाई के बीच में स्कूल छोड़ने वाले युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देती है.
फ्री में मिलती है ट्रेनिंग, पुरस्कार में पैसे भी
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(PMKVY) में युवाओं को नजदीकी प्रशिक्षण केंद्रों पर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग देने वाले संस्थान को फीस का भुगतान सरकार ही करती है. यहीं नहीं, प्रशिक्षण पूरा करने पर सर्टिफिकेट तो मिलता ही है, सरकार प्रशिक्षु युवाओं को करीब 8000 रुपये तक की पुरस्कार राशि भी देती है. सरकार का लक्ष्य साल 2020 तक PMKVY के तहत एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का था. हालांकि कोरोना लॉकडाउन के कारण यह काफी हद तक प्रभावित हुआ.
ऐसे उठाएं PMKVY योजना का लाभ
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) में आवेदक को अपना पंजीकरण और नामांकन कराना जरूरी होता है. इसके लिए http://pmkvyofficial.org पर जाकर अपना नाम, पता और ईमेल आदि जानकारी भरें और आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.
आवेदन के बाद युवा जिस तकनीकी क्षेत्र में ट्रेनिंग करना चाहते हैं, उन्हें चुनना होता है. इस योजना के तहत कंप्यूटर ट्रेनिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, कंस्ट्रक्शन, फर्नीचर फिटिंग, हैंडिक्राफ्ट, जेम्स एंड ज्वेलरी और लैदर टेक्नोलॉजी समेत 40 सब्जेक्ट निर्धारित हैं. अपनी पसंद का सब्जेक्ट चुनने के अलावा एक अन्य तकनीकी क्षेत्र का भी चयन करना होता है.
नौकरी पाने में मिलती है मदद, कर सकते हैं स्वरोजगार भी
इस योजना में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के ट्रेनिंग कोर्स चलाए जाते हैं. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवाओं का SSC द्वारा स्वीकृत मूल्यांकन एजेंसी की ओर से मूल्यांकन किया जाता है. पास होने पर वैध आधार (AADHAAR) नंबर के साथ आपको सरकारी सर्टिफिकेट और स्किल कार्ड मिलता है.
यह सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होता है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सरकार आर्थिक सहायता करती है और साथ ही नौकरी दिलाने में भी मदद करती है. इसके लिए राज्यों में नियोजन विभाग की ओर से जिलावार रोजगार मेले लगाए जाते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, हैंडिक्राफ्ट आदि ट्रेड में प्रशिक्षित होने के बाद आप अपना खुद का रोजगार भी शुरू कर सकते हैं. या फिर ऐसे ही किसी लघु उद्योग में काम कर के पैसे कमा सकते हैं. पूंजी की कमी हो तो आप दो-चार दोस्तों के साथ मिलकर अपना उद्यम भी शुरू कर सकते हैं. इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने में सरकार भी मदद करती है.